नये वर्ष का आगमन…
और फिर जन्म लेती हुयी,
अनेक नयी आकांक्षायें…..।
जिसे देना होगा हमें, एक आकार ।
ताकि हम कर सकें, इसे साकार ।।
अपनाना होगा हमें, कर्म के पथ को ।
बढ़ते रहना होगा, लक्ष्य की ओर अनवरत…।।
रखना होगा एक दृढ़ विश्वास,
हाँ…मैं ही हूँ अंतिम विजेता हर पथ का ।
करना होगा आत्मसात,
समुद्र सी गहराई और पर्वत सी ऊँचाई को ।।
जो कर सके प्रदान हमें, एक नया आयाम ।
जो कर सके प्रस्तुत आदर्श, सबके सामने ।।
जिसका कर सकें अनुसरण सभी………
इसे मूर्त रूप देने में,
इतनी सशक्त हो सके हमारी भावना ।
प्रभु से बस यही है एक कामना ।।
– अविचल मिश्र