बहुत खेलने का शौक है उनको आग से,
अब जलाकर राख कर दो ।
दुनिया के मानचित्र से,
पाकिस्तान को साफ कर दो ।।
हमारे जवान ही हमेशा क्यों शहीद होते जायेंगे ?
इस खामोशी का तो, वो हमेशा लाभ उठायेंगे ।
वक्त आ गया है…..कड़ी निंदा का,
आवरण उठा कर फेंक दो ।।
बहुत खेलने का शौक है उनको आग से,
अब जलाकर राख कर दो ।।
जिस घर का चिराग बुझा, उस घर को कौन चलायेगा ?
हर बार एक ही बात, कि पड़ोसी मान जायेगा ।
उठा लो शस्त्र, जमीन-आसमान एक कर दो..
बहुत खेलने का शौक है उनको आग से,
अब जलाकर राख कर दो ।।
उदास है मन और रो रहा सारा वतन ।
जो शहीद हुए हैं उनको, मेरा शत् शत् नमन ।।
‘एक के बदले दस सर’ की कहावत को चरितार्थ करना होगा ।
जवानों की शहादत को यही सच्चा सम्मान होगा ।।
कश्मीर को जलाते हैं जो हर दिन,
उस देश के टुकड़े चार कर दो ।
बहुत खेलने का शौक है उनको आग से,
अब जलाकर राख कर दो ।।
दुनिया के मानचित्र से,
पाकिस्तान को साफ कर दो…
– अविचल मिश्र
17 replies on “प्रतिशोध”
दिल की बात कही है आपने।
धन्यवाद..
बहुत बहुत धन्यवाद आपको
सच्ची श्रद्धांजलि
आभार आपका
जय हिंद
Very nice my dear friend. Keep it up.
Thanks a lot Vinod 🙂
प्रत्याशित प्रतिक्रिया एक घृणित घटनाक्रम के प्रति रोष दर्शाते हुए। समय की माँग है कि आतंकवाद का मुँहतोड़ जवाब दिया जाये। अति-उत्तम रचना।
बहुत आभार आपका 🙂
हम सबकी भावनाओं को व्यक्त कर दिया अविचल जी.. बहुत खूब.. सच्ची श्रद्धाजंली
उत्साहवर्धन के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद रिया 🙂
Very well written Avichal!
Thanks a lot!
बेहतरीन #श्रद्धांजली
बहुत आभार अनिषा 🙂
Bahut khub
धन्यवाद आपका